टाइम भी बहुत तेजी से और जल्दी-जल्दी निकल रहा था। टाइम भी बहुत तेजी से और जल्दी-जल्दी निकल रहा था।
इसके सामने जन्नत के नजारे भी कुछ नहीं। इसके सामने जन्नत के नजारे भी कुछ नहीं।
ये मेरे लिए सबक है और उससे ज्यादा सीख है। ये मेरे लिए सबक है और उससे ज्यादा सीख है।
निशुल्क, बिना किसी सम्मान पत्र की अपेक्षा किये। निशुल्क, बिना किसी सम्मान पत्र की अपेक्षा किये।
तो कभी 'कुछ सुनो' से कैफियत कहने की चाह रख रहा हो..... तो कभी 'कुछ सुनो' से कैफियत कहने की चाह रख रहा हो.....
लेखक : ह्यू लॉफ्टिंग स्वैर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास चूहे क्यों भाग गए? लेखक : ह्यू लॉफ्टिंग स्वैर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास चूहे क्यों भाग ग...